हेलो दोस्तों,
जामुन एक बहुत ही महत्वपूर्ण व अयुर्वेदिक ओषधि है। इसका रंग काला व बैंगनी होता है। जामुन गर्मियों के मौसम में पाया जाता है। इसमें विटामिन बी और आयरन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसका पेड़ आम के पेड़ जैसा होता है। यह ज्यादातर भारत और दक्षिण एशिया में अधिक पाया जाता है। जामुन का वानस्पतिक नाम सिजिगियम क्युमिनी या मिरट्स क्युमिनी है।
जामुन एक बहुत ही महत्वपूर्ण व अयुर्वेदिक ओषधि है। इसका रंग काला व बैंगनी होता है। जामुन गर्मियों के मौसम में पाया जाता है। इसमें विटामिन बी और आयरन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसका पेड़ आम के पेड़ जैसा होता है। यह ज्यादातर भारत और दक्षिण एशिया में अधिक पाया जाता है। जामुन का वानस्पतिक नाम सिजिगियम क्युमिनी या मिरट्स क्युमिनी है।
जामुन में उपलब्ध पोषक तत्व
खनिज की मात्रा जामुन में अधिक पाई जाती है। जामुन में फाइबर, विटामिन व आयरन अधिक मात्रा में होता है। इसका बीज भी बहुत काम का होता है। जामुन के बीज में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन कार्बोहाइटेड और कैल्शियम होता है।
S. No. | पोषक तत्व | मात्रा |
1. | कार्बोहाइटेड | 14 gram |
2. | विटामिन | 0.995 gram |
3. | ऊर्जा | 251 kilo jule |
4. | आयरन | 0.995 gram |
5. | फाइबर | 0.6 gram |
6. | फैट | 0.23 gram |
7. | कैल्शियम | 0.995 gram |
जामुन खाने के फायदे
जामुन खाने से बहुत सारी बीमारियों से छुटकारा मिलता है। यह हमारे शरीर के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है। जामुन खाने के फायदे निम्नलिखित है।
- पत्थरी की समस्या में
यदि किसी व्यक्ति के पेट में पत्थरी है, तो आप जामुन की गुठली को सुखाकर उसका पॉउडर बना ले, अब इस पॉउडर को दही या मठे के साथ लेने से कुछ ही दिनों में आपके पेट से पत्थरी बहार निकल जाएगी। और इसके साथ जामुन भी खाने से बहुत फायदा होता है।
- एड्स और कैंसर से रहात
ये बीमारी सबसे खतरनाक मानी जाती है, इन भयानक रोगों को दूर करने के लिए जामुन एक ऐसा वरदान माना जाता है। जिसका नियमित रूप से सेवन करने से एड्स व कैंसर जैसी घातक बीमारी जड़ से खत्म हो जाती है। जामुन में बायोएक्टिव फाइटोकेमिकल्स जो पॉलीफिनाइल में पाया जाता है। कैंसर से लड़ने में सहायक होता है।
- मधुमेह
जामुन के फल को मधुमेह का रोगी बिना किसी परेशानी के खा सकता है। इससे रोगी को बहुत अधिक फायदा होता है। जामुन रक्त में शक़्कर की मात्रा को निंयत्रित करता है। जामुन की गुठली का पॉउडर बनाकर सुबह – शाम लेने से मधुमेह का रोग जड़ से ख़त्म हो जाता है। या आप प्रतिदिन 200 ग्राम जामुन का सेवन भी कर सकते हो।
- त्वचा निखारने में उपयोगी
जामुन में विटामिन ए और सी के अलावा आयरन भी अधिक मात्रा में पाया जाता है। जो शरीर के ब्लड की समस्या को दूर कर स्वास्थ्य को स्वस्थ रखता है। इससे त्वचा संबंधित सभी समस्या दूर हो जाती है। नियमित रूप से जामुन का सेवन करने से मुँहासे,कील व चेहरे पर दाग – धब्बे नहीं होते है। जिससे आप की त्वचा गोरी और चमकदार दिखती है।
- मुँह के छाले
जामुन के 30 से 40 पत्तों को पीसकर एक गिलास पानी में गोल ले, अब इसको छानकर कुल्ले व गरारे करने से मुँह के छाले जल्दी ठीक हो जाते है। इसको खाने से भी बहुत अधिक फायदा होता है, इसका शर्बत पीने से शरीर की थकान दूर हो जाती है।
- अफीम का नशा
यदि किसी व्यक्ति को अफीम का नशा हो जाता है, तो उसको उतारने के लिए जामुन के पत्तों को पीसकर उसका रस पीड़ित व्यक्ति को पीलाने से बहुत जल्दी लाभ मिलता है।
- लीवर की समस्या में
प्रतिदिन सुबह – शाम जामुन के पत्तों का रस पीने से लीवर की समस्या के छुटकारा मिलता है। जामुन में फाइटोकेमिकल्स भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते है, जो शरीर की रोग – प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है।
- उलटी – दस्त या हैजा
जामुन के ताजे फलों का रस निकालकर उसमें थोड़ी मिश्री मिलाकर शर्बत जैसी चासनी बना ले, जब कभी – भी उलटी – दस्त या हैजा जैसी बीमारी की शिकायत हो तो दो चम्मच शर्बत और एक चम्मच अमृतधारा मिलाकर पीने से तुरंत राहत मिलती है।
- मंजन के लिए
जामुन के दो किलो हरे पत्तों को सुखाकर, जलाकर महीन पीस लें, इस चूर्ण से मंजन करने से दाँत मजबूत और चमकने लगते है। आप जामुन की छाल को बारीक़ पीस कर नित्य मंजन करे। इससे दांतो के सारे रोग ठीक हो जायेगे।
- मुँहासे की समस्या में
जामुन खाने से चेहरे की मुँहासे मिट जाते है। जामुन की गुठलियों को पानी में डालकर , उसको पीसकर चेहरे पर लेप करके आधे घंटे बाद धोने से मुँह एकदम से चमकने लगता है।
- दमा के लिए फायदेमंद
जामुन की गुठली की गिरी को कूट कर पीस लें। दो कप पानी में इसकी एक चम्मच डालकर इतना उबालें की उबलते हुए एक कप ही पानी रह जाये। इसे छानकर स्वादानुसार दूध में चीनी डालकर नित्य दो बार पीते रहें। गले में जलन या दर्द हो तो हररोज जामुन का रस पिए।
- स्मरण – शक्तिवर्धक
व्यक्ति की बुढ़ापे में मस्तिक की कोशिकाओं की क्षमता घटने लगती है, जिससे व्यक्ति की स्मरण – शक्ति कमजोर हो जाती है। जामुन का किसी न किसी रूप में सेवन करने से स्मरण – शक्ति में वृद्धि होती है।
- मधुर आवाज़
जामुन की गुठली को सुखाकर बनाया गया चूर्ण में शहद मिलाकर चाटने से आवाज़ का भारीपन नष्ट होता है। और आवाज़ एकदम सुरीली हो जाती है। जामुन के पत्ते चबाने से मुँह की दुर्घध दूर होती है।
- घाव के लिए
अक्सर नए जूते या जूती पहनने से पांव में छाले पड़ जाते है। ऐसा होने पर जामुन की गुठली पीस कर लगाने से दर्द दूर हो जाता है। अगर आप के घाव हो गया है, तो जामुन की गुठली को सुखाकर पीस लें, फिर उस पाउडर में पानी डालकर पेस्ट बना लें, और घाव वाले स्थान पर लगाने से बहुत अधिक फायदा मिलता है।
जामुन खाने से होने वाले नुकसान
- जैसे जामुन हमारे लिए फायदेमंद है, उसी प्रकार इनका अधिक मात्रा में सेवन करना हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
- दूध पिलाने वाली महिला को जामुन का सेवन नहीं करना चाहिए।
- बहुत अधिक मात्रा में जामुन का सेवन करने से खांसी हो जाती है।
- खाली पेट जामुन खाना खतरनाक होता है।
- बहुत अधिक मात्रा में जामुन खाने से फेफड़े के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
- ज्यादा मात्रा में जामुन खाने से दर्द और बुखार जैसी समस्या हो सकती है।
- जामुन खाने के बाद कभी – भी दूध नहीं पीना चाहिए।